Veer Savarkar 58th Death Anniversary: मौत से 1 महीने पहले ही छोड़ दिया खाना-पीना, 10 lines on Veer Savarkar in English & Hindi

Veer Savarkar 58th Death Anniversary: दोस्तों वीर सावरकर का निधन 26 फरवरी, 1966 में 82 साल की उम्र में हुआ था और आज इंदौर में वीर सावरकर जी की 58वीं पुण्यतिथि मनाई जा रही है।

वीर सावरकर के बारे में –

दोस्तों आज इंदौर में वीर सावरकर की 58वीं पुण्यतिथि मनाई जा रही है। वीर सावरकर का पूरा नाम ‘विनायक दामोदर सावरकर’ है। इनका जन्म 28 मई, 1883 में नासिक के निकट भागुर गांव में हुआ था। उनकी माता का नाम राधाबाई और पिता का नाम दामोदर पंत सावरकर था। वीर सावरकर जी ने शिवाजी हाई स्कूल (नासिक) से 1901 में हाई-स्कूल(10th) की परीक्षा पास की। बचपन से ही इनका मन पढ़ाई लिखाई के क्षेत्र में ज्यादा लगता था। उन्हीं दिनों में इन्होंने कुछ कविताएं भी लिखीं।

वे एक कवि, वकील, राजनीतिज्ञ लेखक और नाटककार भी थे। वीर सावरकर जी ने पुणे के फर्ग्युसन कॉलेज से बीए किया और सन् 1904 में उन्होंने ‘अभिनव भारत’ नामक क्रांतिकारी संगठन की स्थापना की। इसके बाद 1905 में उन्होंने बंगाल के विभाजन के बाद पुणे में विदेशी वस्त्रों की होली जलाई। सावरकर जी रूसी क्रांतिकारियों से ज्यादा प्रभावित थे। इंडियन सोशियोलॉजिस्ट और तलवार नामक पत्रिकाओं में उनके अनेक लेख भी प्रकाशित किए गए जो बाद में कोलकाता के युगांतर पत्र में भी छपे।

सावरकर जी ने 10 मई, 1907 को इंडिया हाउस, लंदन में प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की स्वर्ण जयंती मनाई। सावरकर जी 20वीं शताब्दी के सबसे बड़े हिंदूवादी रहे थे। सावरकर जी को हिंदू राष्ट्र की राजनीतिक विचारधारा को विकसित करने का बहुत बड़ा श्रेय जाता है। इनका हिंदू शब्द से बचपन से ही बेहद लगाव था। इनको 6 बार अखिल भारतीय हिंदू महासभा का राष्ट्रीय अध्यक्ष भी चुना गया। इन्होंने अपने जीवन भर हिंदू, हिंदी और हिंदुस्तान के लिए बढ़-चढ़कर काम किया।  

 

Veer Savarkar 58th Death Anniversary
Veer Savarkar 58th Death Anniversary

 

मौत से 1 महीने पहले ही छोड़ दिया था खाना-पीना –

वीर सावरकर जी का निधन 26 फरवरी, 1966 को 82 साल की उम्र में हुआ था। मौत के करीब 2 साल पहले ही सावरकर जी ने 1964 में ‘आत्महत्या’ नाम का एक लेख लिखा था। जिसमें उन्होंने अपनी इच्छा मृत्यु की बात कही थी। वह फरवरी 1966 से ही व्रत करने लगे थे। वे ऐसे ही 26 फरवरी तक उपवास करते रहे। इस दौरान उन्होंने न खाना खाया और न पानी पिया और किसी भी प्रकार की दवाई भी नहीं खा रहे थे। जिसके बाद 26 फरवरी 1966 में उनकी मृत्यु हो गई।

 

10 lines on Veer Savarkar in English:

       1. Vinayak Damodar Savarkar, popularly known as Veer Savarkar, was a prominent freedom fighter, nationalist and social reformer of India.

       2. He was born on May 28, 1883 in Nashik, Maharashtra and played an important role in India’s struggle for independence from British colonial rule.

       3. Savarkar was a prolific writer and poet and his literary works inspired many nationalists during the independence movement.

       4. Savarkar coined the term “Hindutva” to emphasize the cultural and national unity of Hindus.

       5. He faced imprisonment in the Cellular Jail in Andaman and Nicobar Islands for his revolutionary activities against British rule.

       6. Savarkar’s contributions include his emphasis on self-reliance, national pride, and the need for armed struggle against colonial powers.

       7. Savarkar’s legacy remains controversial, with some considering him a hero of the freedom movement while others criticize his views on certain social and political issues.

       8. He advocated for the idea of Hindutva as a way to unify Hindus against foreign oppression and promote nationalistic ideals.

       9. He also promoted social reforms, including the eradication of untouchability and the caste system.

      10. Despite controversies, Veer Savarkar’s contributions to India’s struggle for independence and his nationalist ideologies continue to influence Indian politics and society.

 

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10 lines on Veer Savarkar in Hindi (वीर सावरकर पर 10 पंक्तियाँ हिंदी में): 

      1. विनायक दामोदर सावरकर, जिन्हें वीर सावरकर के नाम से जाना जाता है, वे भारत के एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी, राष्ट्रवादी और समाज सुधारक थे।

      2. उनका जन्म 28 मई, 1883 को नासिक, महाराष्ट्र में हुआ था और उन्होंने ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से आजादी के लिए भारत के संघर्ष में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

      3. सावरकर एक विपुल लेखक और कवि थे और उनके साहित्यिक कार्यों ने स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान कई राष्ट्रवादियों को प्रेरित किया।

      4. सावरकर ने हिंदुओं की सांस्कृतिक और राष्ट्रीय एकता पर जोर देने के लिए “हिंदुत्व” शब्द गढ़ा।

      5. ब्रिटिश शासन के खिलाफ उनकी क्रांतिकारी गतिविधियों के लिए उन्हें अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की सेलुलर जेल में कारावास का सामना करना पड़ा।

      6. सावरकर के योगदान में आत्मनिर्भरता, राष्ट्रीय गौरव और औपनिवेशिक शक्तियों के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष की आवश्यकता पर उनका जोर शामिल है।

      7. सावरकर की विरासत विवादास्पद बनी हुई है, कुछ लोग उन्हें स्वतंत्रता आंदोलन का नायक मानते हैं जबकि अन्य कुछ सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर उनके विचारों की आलोचना करते हैं।

      8. उन्होंने विदेशी उत्पीड़न के खिलाफ हिंदुओं को एकजुट करने और राष्ट्रवादी आदर्शों को बढ़ावा देने के तरीके के रूप में हिंदुत्व के विचार की वकालत की।

      9. उन्होंने अस्पृश्यता और जाति व्यवस्था के उन्मूलन सहित सामाजिक सुधारों को भी बढ़ावा दिया।

     10. विवादों के बावजूद, भारत के स्वतंत्रता संग्राम में वीर सावरकर का योगदान और उनकी राष्ट्रवादी विचारधाराएँ भारतीय राजनीति और समाज को प्रभावित करती रहती हैं।

Some precious thoughts of Veer Savarkar (वीर सावरकर के कुछ अनमोल विचार) –

  • उनके द्वारा एक देश, एक ईश्वर, एक जाति और एक विचार होना चाहिए l
  • उनके द्वारा तैयारी में शांति लेकिन क्रियान्वयन में साहस, संकट के क्षणों में यही नारा हमेशा होना चाहिए l
  • उनके द्वारा किसी भी महान लक्ष्य के लिए गया कोई भी बलिदान व्यर्थ नहीं जाता है l
  • उनके द्वारा देश हित के लिए अन्य त्यागों के साथ जन-प्रियता का त्याग करना सबसे बड़ा और ऊंचा आदर्श है l
  • उनके द्वारा उन्हें शिवाजी को मानने का अधिकारी है, जो शिवाजी की तरह अपनी मातृभूमि को आजाद कराने के लिए लड़ने के लिए तैयार हैं l

 

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