Google Doodle Celebrating Hamida Banu: कौन थीं हमीदा बानो, जिसको याद किया गूगल डूडल ने

Google Doodle Celebrating Hamida Banu: भारत की पहली महिला पहलवान Hamida Banu को आज Google Doodle ने याद किया। हमीदा बानो ने 1954 में एक प्रसिद्ध पहलवान जिनका नाम बाबा पहलवान था उनसे मुकाबला किया। करीब 1 मिनट और 34 सेकंड तक यह मुकाबला चला और हमीदा बानो उनसे हार कर जीत जाती हैं। हमीदा बानो ने चुनौती दी थी कि अगर कोई मुझे कुश्ती में हरा देगा तो वह मुझसे शादी कर सकता है। कहानी काफी इंट्रेस्टिंग है आगे पढ़ना जारी रखें।

 

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Google Doodle Celebrating Hamida Banu

कौन थीं Hamida Banu

हमीदा बानो को व्यापक रूप से भारत की पहली पेशेवर महिला पहलवान माना जाता है। आज 4 मई, 2024, दिन-शनिवार को गूगल ने भारत की पहली महिला पहलवान हमीदा बानो की याद में एक डूडल जारी करते हुए उनको श्रद्धांजलि के रूप में अपने होम पेज पर प्रदर्शित किया है।

आज ही के दिन 1954 में आयोजित एक कुश्ती मैच में केवल 1 मिनट और 34 सेकंड में हमीदा बानो ने प्रसिद्ध बाबा पहलवान को हराकर अपनी जीत दर्ज करके अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी एक खास पहचान बनाई।

1900 के दशक की शुरुआत में हमीदा बानो का जन्म उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में पहलवानों के एक परिवार में हुआ था। पहलवानों के परिवार से ताल्लुकात रखते हुए, वे भी कुश्ती की कला का अभ्यास करते हुए बड़ी हुई थीं। उन्होंने 1940 और 1950 के दशक के अपने करियर में 300 से अधिक प्रतियोगिताओं में अपनी जीत दर्ज की थी।

हमीदा बानो ने 1940 और 1950 के दशक में कुश्ती की पुरुष-प्रधान दुनिया में तमाम बाधाओं को पार करते हुए प्रवेश किया। हमीदा बानो को ‘अलीगढ़ की अमेज़न’ के नाम से भी जाना जाता है।

हमीदा बानो ने पुरुष पहलवान को उनसे लड़ने के लिए दी थी चुनौती

बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, 1954 में हमीदा बानो ने पुरुष पहलवान को चुनौती दी थी कि अगर कोई पुरुष पहलवान उनसे कुश्ती में जीत जाता है तो वह उनसे शादी कर लेंगी। उन्होंने कहा था कि “मुझे एक मुकाबले में हराओ और मैं तुमसे शादी कर लूंगी।”

बानो का वजन 108 किलोग्राम था और लंबाई 5 फीट 3 इंच (1.6 मीटर) थी। उनके दैनिक आहार में यह सब चीज शामिल थी – 1.8 लीटर फलों का रस, 5.6 लीटर दूध, 2.8 लीटर सूप, एक मुर्गी, करीब 1 किलो मटन और बादाम, 6 अंडे, आधा किलो मक्खन, दो बड़ी रोटियां और दो प्लेट बिरयानी। रॉयटर्स के अनुसार, वे दिन में 9 घंटे सोती थीं और 6 घंटे प्रशिक्षण लेती थीं।

 

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हमीदा बानो के नाम अंतरराष्ट्रीय खिताब भी दर्ज है। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, हमीदा बानो ने 1954 में मुंबई के एक मुकाबले में रूस की “मादा भालू” कही जाने वाली ‘वेरा चिस्टिलिन’ से मुकाबला करके उसे पहलवानी में 1 मिनट के भीतर ही हरा दिया था।

रिपोर्ट के अनुसार 1954 में हमीदा बानो लगभग 30 वर्ष की थीं। बानो ने दो पुरुष कुश्ती चैंपियनों को हराया, जो कि एक उतरी पंजाब राज्य के पटियाला से और दूसरा पूर्वी पश्चिमी बंगाल राज्य में कोलकाता से थे।

कुछ समय बाद उनका मुकाबला प्रसिद्ध बाबा पहलवान से हुआ। यह मुकाबला करीब 1 मिनट और 34 सेकंड तक चला और हमीदा बानो ने बाबा पहलवान को हराकर अपनी जीत हासिल की।

हमीदा बानो ने अपने पूरे आत्मविश्वास से पुरुष पहलवानों को खुलेआम चुनौती दी थी और उन्होंने उन्हें हराने पर शादी करने की शर्त भी रखी थी।

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